Suresh Wadkar - Main Hoon Prem Rogi [Live]
अरे फिर कुछ नहीं है भाता
जब रोग ये लग जाता
मैं हूँ प्रेम रोगी
हाँ मैं हूँ प्रेम रोगी मेरी दवा तो कराओ
मैं हूँ प्रेम रोगी
फिर कुछ नहीं है भाता जब रोग ये लग जाता
मैं हूँ प्रेम रोगी मेरी दवा तो कराओ
मैं हूँ प्रेम रोगी
हो कुछ समझा कुछ समझ न पाया
कुछ समझा कुछ समझ न पाया
दिल वाले का दिल भर आया
और कभी सोचा जायेगा
क्या कुछ खोया, क्या कुछ पाया
जा तन लागे, वो तन जाने
जा तन लागे, वो तन जाने
ऐसी है इस रोग की माया
मेरी इस हालत को
हाँ मेरी इस हालत को नज़र ना लगाओ
ओ जाओ जाओ जाओ किसी वैद्य को बुआओ
मैं हूँ प्रेम रोगी हाँ
ओ यारों है वो क़िस्मत वाला
यारों है वो क़िस्मत वाला
प्रेम रोग जिसे लग जाता है
सुख दुःख का जिसे होश नहीं है
अपनी लौ में रम जाता है
हर पल ख़ुद ही ख़ुद हँसता है
हर पल खुद ही खुद रोता है
ये रोग लाईलाज सही फिर भी कुछ कराओ
ओ जाओ जाओ जाओ अरे जाओ जाओ जाओ
मेरे वैद को बुलाओ मेरा इलाज कराओ
और नहीं कोई तोह मेरे यार को बुलाओ
मैं हूँ प्रेम रोगी मेरी दवा तो कराओ
मैं हूँ प्रेम रोगी हाँ मैं हूँ प्रेम रोगी
ओ मैं हूँ प्रेम रोगी thank you
Written by:
Laxmikant Pyarelal, Santosh Anand
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
Lyrics powered by Lyric Find