Lata Mangeshkar - Main Tulsi Tere Aangan Ki
मैं तुलसी तेरे आंगन की
मैं तुलसी तेरे आंगन की
कोई नहीं मैं कोई नहीं मैं
कोई नहीं मैं तेरे साजन की
मैं तुलसी तेरे आंगन की
कोई नहीं मैं कोई नहीं मैं
कोई नहीं मैं तेरे साजन की
मैं तुलसी तेरे आंगन की
मैं तुलसी
द्वार पड़े पड़े तरस गई
आज उमड़ कर बरस गई
द्वार पड़े पड़े तरस गई
आज उमड़ कर बरस गई
प्यासी बदली सावन की
मैं तुलसी तेरे आंगन की
मैं तुलसी
मांग तेरी सिन्दुर भी तेरा
सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा
मांग तेरी सिन्दुर भी तेरा
सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा
मोहे सौगन्ध तेरे अँसुअन की
मैं तुलसी तेरे आंगन की
मैं तुलसी
काहे को तू मुझसे जलती है
काहे को तू मुझसे जलती है
ए री मोहे तो तू लगती है
कोई सहेली बचपन की
मैं तुलसी तेरे आंगन की
कोई नहीं मैं कोई नहीं मैं
कोई नहीं मैं तेरे साजन की
मैं तुलसी तेरे आंगन की
मैं तुलसी तेरे आंगन की
Written by:
Laxmikant-Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
Publisher:
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