Mukesh - Majhi Naiya Dhoondhe Kinara
छल छल बहती जीवन धारा
छल छल बहती जीवन धारा
मांझी नैया ढूंढे किनारा
ओ माझी नैया ढूँढे किनारा
किसी न किसी की खोज में है ये जग सारा
माझी नैया ढूँढे किनारा
कभी न कभी तो
समझोगे तुम ये इशारा
मांझी नैया ढूंढे किनारा
ऐसी कोई मौज नहीं जिसको कोई खोज नहीं
ऐसी कोई मौज नहीं जिसको कोई खोज नहीं
ओहो कोई न कोई तो हर किसी को लगता है प्यारा
मांझी नैया ढूंढे किनारा (ओहो)
मांझी नैया ढूंढे किनारा
जीवन पथ पर चलते हुए
इक दिन थक कर चलते हुए
जीवन पथ पर चलते हुए
इक दिन थक कर चलते हुए
ओहो कही न कही तो थाम लूँगा
आँचल तुम्हारा
मांझी नैया ढूंढे किनारा
मांझी नैया ढूंढे किनारा
जैसे सीता राम मिले
जैसे राधा श्याम मिले
जैसे सीता राम मिले
जैसे राधा श्याम मिले
ओहो कभी न कभी तो मिलन
होगा तुमसे हमारा
मांझी नैया ढूंढे किनारा (ओहो)
मांझी नैया ढूंढे किनारा
मांझी नैया ढूंढे किनारा (ओहो)
मांझी नैया ढूंढे किनारा (ओहो)
Written by:
Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
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