Geeta Dutt - Majhi Albele

प्यार का काँटा मॅन की मछरिया
बोले नैना की डोर
गहरा सागर भारी मछरिया
खींच लगा के ज़ोर
माझी अलबेले माझी अलबेले
चलो रे हौले हौले
मन की नय्या डगा मग डोले डगा मग डोले
मन की नय्या डगा मग डोले डगा मग डोले
माझी अलबेले

गहरी नदी की उची लहरिया हो मोरे रामा
गहरी नदी की उची लहरिया हो मोरे रामा
लहरो मे भीग रही
लहरो मे भीग रही मन की चुनरिया
हो मोरे राम
ख़ौ हिचकोले चलो रे हौले हौले
डगा मग डोले डगा मग डोले
मन की नय्या डगा मग डोले डगा मग डोले
माझी अलबेले

धड़के मान मेरा धीरे चलो अलबेले पिया
लाई सावन ऋतु
लाई सावन ऋतु काली बदरिया
ठंडी हवा झूकू लत खोले
चलो रे हौले हौले
डगा मग डोले डगा मग डोले
मन की नय्या डगा मग डोले डगा मग डोले
माझी अलबेले

मूर्ख दुनिया ऐसा ना हो बदनाम करे
मूर्ख दुनिया ऐसा ना हो बदनाम करे
मोरे तोरे प्रीत पिया
मोरे तोरे प्रीत पिया कोई ना जाने राम करे
मेरा मान यही बोले
चलो रे हौले हौले
डगा मग डोले डगा मग डोले
मन की नय्या डगा मग डोले डगा मग डोले
मन की नय्या डगा मग डोले डगा मग डोले

Written by:
Majrooh Sultanpuri, O P Nayyar

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Geeta Dutt

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