Suman Kalyanpur and मुबारक बेगम - Mehfil Men Aap Aaye

आह आ आ आ
महफ़िल में आप आये
महफ़िल में आप आये जैसे के चाँद आया
महफ़िल में आप आये जैसे के चाँद आया
ये रुख पे काली जुल्फें जुल्फ़े
ये रुख पे काली जुल्फें ये बादलों का साया
महफ़िल में आप आये जैसे के चाँद आया

आह आ आ आ
आपके आने से
आपके आने से इस दिल ने धड़कना सिखा
बिन तेरे होस के आलम में बहकना सीखा
दर्द आहो का मजा क्या है ये जाना हमने
हलकी हलकी सी किसी आंच में तपने सीखा

कुछ हम भी और चमके चमके
कुछ हम भी और चमके
कुछ दिल भी जगमगाया
महफ़िल में आप आये जैसे के चाँद आया

आह आ आ आ
तुम न देखो हाय
तुम न देखो तो तमन्ना हमें तड़पाती है
देखते हो तो क़यामत सी गुज़र जाती है
मुस्कराहट है कि लहराती है बिजली जैसे
देखिये आज तो किसकी कज़ा आती है
घबरायी सम्मे महफ़िल महफ़िल
घबरायी सम्मे महफ़िल
परवाना जगमगाया
महफ़िल में आप आये जैसे के चाँद आया

Written by:
Khaiyyaam, Majrooh Sultanpuri

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Suman Kalyanpur and मुबारक बेगम

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