Sonu Nigam, Roop Kumar Rathod and Alka Yagnik - Mela Dilon Ka-Celebration

इस दुनिया में देश कई
देश कई में देश है एक
और उस देश का नाम है भारत
भारत, भारत, भारत, भारत

हमारा भारत, तुम्हारा भारत
प्यारा भारत, प्यारा भारत
(प्यारा भारत, प्यारा भारत)
(हमारा भारत, तुम्हारा भारत)

भारत देश में गाँव कई
गाँव कई में गाँव है एक
अपने गाँव के लोग हैं नेक
लोगों के सीने में रहता है दिल

और दिल कहता है, कहता है
कहता है, कहता है, कहता है
कहता है दिल
क्या कहता है दिल राम जी?

मेला दिलों का आता है
एक बार आ के चला जाता है
मेला दिलों का आता है
एक बार आ के चला जाता है

(मेला दिलों का आता है)
(एक बार आ के चला जाता है)
आते हैं मुसाफ़िर, जाते हैं मुसाफ़िर
जाना ही है सबको, क्यों आते हैं मुसाफ़िर

मेला दिलों का आता है
एक बार आ के चला जाता है आ

हँस ले, गा ले, ये दिन ना मिलेंगे कल
थोड़ी खुशियाँ, हैं थोड़े से ये पल
हँस ले, गा ले, ये दिन ना मिलेंगे कल
थोड़ी खुशियाँ, हैं थोड़े से ये पल

एक बार चली गई जो ये बहारें
लौट के ना आएँगी गुज़री बहारें

मेला बहारों का...
मेला बहारों का आता है
एक बार आ के चला जाता है
आती हैं बहारें, जाती हैं बहारें
जाना ही है उनको, क्यों आती है बहारें

(मेला दिलों का आता है)
(एक बार आ के चला जाता है)

सात अजूबे इस दुनिया में
आठवाँ है रूप तेरा रूपा
ओ रूपा, ओ मेरी रूपा
मुझसे दूर तू ना जाना, मेरी रूपा

(रूपा, रूपा, रूपा, रूपा)
आई रे जवानी, जैसे रुत तूफ़ानी
पगली ये दीवानी, उफ़ मैं क्या करूँ
मैं भई सयानी, सबको परेशानी

उम्र ये सुहानी, तो मैं क्या करूँ
देख री दीवानी, ना कर तू नादानी
बार-बार नहीं आनी, ये पल भर की जवानी

मेला जवानी का...
मेला जवानी का आता है
एक बार आ के चला जाता है
आती है जवानी, जाती है जवानी
जाना ही है इसको, क्यों आती है जवानी

मेला जवानी का आता है
एक बार आ के चला जाता है

(बलिये, बलिये)
(कुछ दिल की सुन बलिये)
(बस लौट ना फिर बलिये)

हो, दुनिया के इस मेले में
धन-दौलत का है खेला
धन पास नहीं हो जिसके
वो क्या देखेगा मेला

वो क्या देखेगा मेला
दुःख दूर करूँ मैं उसका
इस गाँव में हो जो दुखिया
हर दुःख की दवा रखता हूँ

कहते हैं मुझको मुखिया
कहते हैं मुझको मुखिया
मैं उड़ती हुई तितली हूँ
हाथों में नहीं आऊँगी

मुझे कैसे पकड़ पाओगे
हर पल मैं उड़ जाऊँगी
तू चलेगी आगे-आगे
हम चलेंगे पीछे-पीछे

दिल रख देंगे हम अपना
तेरे क़दमों के नीचे
मेला मोहब्बत का...

मेला मोहब्बत का आता है
एक बार आ के चला जाता है
आते भी हैं आशिक़, जाते भी हैं आशिक़
जाना ही है इनको, क्यों आते हैं ये आशिक़

मेला दिलों का आता है
एक बार आ के चला जाता है

बुलबुल, बुलबुल, बुलबुल, बुलबुल
मेरी सखी, सहेली बुलबुल
इस गाँव की मैं बुलबुल हूँ
मैं उड़ने की हूँ आदी

मैं सब कुछ कर सकती हूँ
पर करुँगी ना मैं शादी
हाँ, करुँगी ना मैं शादी
आ...

खेला है यहाँ मेरा बचपन, ना छोडूँगी ये आँगन
सुन भाई मेरे, सुन गाँव मेरे, ना बाँधों कोई बंधन
ना बाँधों कोई बंधन
हो...

यही रस्म है इस दुनिया की, बेटी तो धन है पराया
दूजे का धन घर अपने, कोई भी ना रख पाया
कोई भी ना रख पाया

आ मेला बिदाई का आता है
एक बार आ के चला जाता है
बन के बहना गुड़िया, मेरे घर में आई
दुल्हन बन के जाना था, क्यों गुड़िया बन के आई

मेला दिलों का आता है
एक बार आ के चला जाता है
मेला दिलों का आता है
एक बार आ के चला जाता है

Written by:
ANU MALIK, DEV KOHLI

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

Lyrics powered by Lyric Find

Sonu Nigam, Roop Kumar Rathod and Alka Yagnik

View Profile