Lata Mangeshkar and Mahendra Kapoor - Meri Sanson Ko Jo Mahka Rahi Hai

आ आ आ

हम्म मेरी साँसों को जो महका रही है
हम्म मेरी साँसों को जो महका रही है
ये पहले प्यार की खुशबू
तेरी साँसों से शायद आ रही है
मेरी साँसों को जो महका रही है
ये पहले प्यार की खुशबू
तेरी साँसों से शायद आ रही है
मेरी साँसों को जो महका रही है

शुरू ये ये सिलसिला तो
उसी दिन से हुआ था
शुरू ये ये सिलसिला तो
उसी दिन से हुआ था
अचानक तूने जिस दिन मुझे यूँही छुआ था
अचानक तूने जिस दिन मुझे यूँही छुआ था
लहर जागी जो उस पल तन बदन में
वो मन को आज भी बहका रही है
ये पहले प्यार की खुशबू
तेरी साँसों से शायद आ रही है
मेरी साँसों को जो महका रही है

बहुत तरसा है ये दिल
तेरे सपने सजा के
बहुत तरसा है ये दिल
तेरे सपने सजा के
ये दिल की बात सुन ले
मेरी बाहोंमे आके
जगा कर अनोखी प्यास मन में
ये मीठी आग जो दहका रही है
ये पहले प्यार की खुशबू
तेरी साँसों से शायद आ रही है
मेरी साँसों को जो महका रही है

ये आँखे बोलती है जो हम न बोल पाए
ये आँखे बोलती है जो हम न बोल पाए
दबी वो प्यास मन की नजर में झिलमिलाये
दबी वो प्यास मन की नजर में झिलमिलाये
होठों पे तेरी हलकि सी हँसी है
मेरी धड़कन बहकती जा रही है
ये पहले प्यार की खुशबू
तेरी साँसों से शायद आ रही है
मेरी साँसों को जो महका रही है

Written by:
ANJAAN, Laxmikant Pyarelal

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Lata Mangeshkar and Mahendra Kapoor

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