कविता कृष्णमूर्ति, Kumar Sanu and Alka Yagnik - Mile Tum Se Bichhad Ke Hum

रु रु रु रु रु रु तू रु रु रु तू रु रु
रु रु रु रु रु रु तू रु रु रु तू रु रु

मिले तुम से बिछड़ के हम
मेरे साजन दुआ करना
मिले तुम से बिछड़ के हम
मेरे साजन दुआ करना
सहें हंस के तुम्हारे गम
सहें हंस के तुम्हारे गम
मेरे साजन दुआ करना
मिले तुम से बिछड़ के हम
मेरे साजन दुआ करना
ल ल ल ला ल ला ल ल ल ला ला ला

उल्फत के नशेमन में किसने
ये ग़म की आग लगाईं है (रु रु रु)
उल्फत के नशेमन में किसने
ये ग़म की आग लगाईं है
मुड़कर जो हमने देखा तो
बस चारो तरफ तन्हाई है
बस चारो तरफ तन्हाई है
आये प्यार का फिर मौसम
मेरे साजन दुआ करना
आये प्यार का फिर मौसम
मेरे साजन दुआ करना
सहें हंस के तुम्हारे गम
सहें हंस के तुम्हारे गम
मेरे साजन दुआ करना
मिले तुम से बिछड़ के हम
मेरे साजन दुआ करना

यादों की सुलगती रात में हम
दिल थाम के रोया करते हैं
यादों की सुलगती रात में हम
दिल थाम के रोया करते हैं
बड़ी हसरत से तस्वीर तेरी
अश्क़ों से भिगोया करते हैं
अश्क़ों से भिगोया करते हैं
उल्फत की हो नज़रे ए करम
मेरी जानम दुवा करना
उल्फत की हो नज़रे ए करम
मेरी जानम दुवा करना
सहें हंस के तुम्हारे गम
सहें हंस के तुम्हारे गम
मेरे हमदम दुवा करना
मिले तुम से बिछड़ के हम
मेरे हमदम दुवा करना

तुरुतु रु रु तुरुतु तुरुतु रु रु तुरुतु
क्या खूब हैं हम थे दीवाने
जो उनकी तमन्ना करते हैं
क्या खूब हैं हम थे दीवाने
जो उनकी तमन्ना करते हैं
ये राज़ हमें मालूम है वो
किसी और को चाहा करते हैं
किसी और को चाहा करते हैं
कभी प्यार न हो ये कम
मेरे हमदम दुवा करना
कभी प्यार न हो ये कम
मेरे हमदम दुवा करना
सहें हंस के तुम्हारे गम
सहें हंस के तुम्हारे गम
मेरे साजन दुआ करना
मिले तुम से बिछड़ के हम
मेरे साजन दुआ करना
उल्फत की हो नज़रे ए करम
मेरी जानम दुवा करना
कभी प्यार न हो ये कम
मेरे हमदम दुवा करना
आये प्यार का फिर मौसम
मेरे साजन दुआ करना

Written by:
ANWAR SAGAR, NADEEM SHRAVAN

Publisher:
Lyrics © Royalty Network, Songtrust Ave

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कविता कृष्णमूर्ति, Kumar Sanu and Alka Yagnik

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