Talat Aziz - Mujhe Tum Nazar Se Gira To Rahe
मुझे तुम नज़र से गिरा तो रहे हो
मुझे तुम कभी भी भुला ना सकोगे
मुझे तुम नज़र से गिरा तो रहे हो
मुझे तुम कभी भी भुला ना सकोगे
ना जाने मुझे क्यूँ यकीन हो चला है
ना जाने मुझे क्यूँ यकीन हो चला है
मेरे प्यार को तुम मिटा ना सकोगे
मुझे तुम नज़र से
मेरी याद होगी जिधर जाओगे तुम
कभी नगमा बनके कभी बनके आंसू
कभी नगमा बनके कभी बनके आंसू
मेरी याद होगी
मेरी याद होगी जिधर जाओगे तुम
कभी नगमा बनके कभी बनके आंसू
तड़पता मुझे हर तरफ पाओगे तुम
शमा जो जलाइ हैं मेरी वफ़ा ने
शमा जो जलाइ हैं मेरी वफ़ा ने
बुझाना भी चाहो बुझा ना सकोगे
मुझे तुम नज़र से
कभी नाम बातों में
कभी नाम बातों में आया जो मेरा
तो बेचैन हो हो के दिल थाम लोगे
तो बेचैन हो हो के दिल थाम लोगे
कभी नाम बातों में
कभी नाम बातों में आया जो मेरा
तो बेचैन हो हो के दिल थाम लोगे
निगाहों में छायेगा ग़म का अँधेरा
किसी ने जो पूछा सबब आंसुओं का
किसी ने जो पूछा सबब आंसुओं का
बताना भी चाहो बता ना सकोगे
मुझे तुम नज़र से गिरा तो रहे हो
मुझे तुम कभी भी भुला ना सकोगे
ना जाने मुझे क्यूँ यकीन हो चला है
ना जाने मुझे क्यूँ यकीन हो चला है
मेरे प्यार को तुम मिटा ना सकोगे
मुझे तुम नज़र से, मुझे तुम नज़र से, ए ए ए
Written by:
MASROOR ANWAR, TALAT AZIZ
Publisher:
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