Lata Mangeshkar - Nadiya Kinare Phiroon Pyasi

सुन सखि मोरे मन की बात
कोयल तरसे आम को
और वन को तरसे मोर
मैं तरसु उस प्रीत को
और छाई घटा घनघोर

नदिया किनारे फिरू प्यासी
हाय पि बिना जियरा तरस तरस रह जाए
नदिया किनारे फिरू प्यासी
हाय पि बिना जियरा तरस तरस रह जाए

ऐसा भी आए कोई बदल हमारे अँगना
रिमझिम प्यार लुटाए

हे नदिया किनारे फिरू प्यासी
हाय पि बिना जियरा तरस तरस रह जाए

हो ओ ओ, सजना मिलन के गाऊ मैं तैराने

रंग भरे लो आ गए ज़माने

आ आ आ आ, खोई रहूँ मैं क्यों राम जाने

ढूंढ रही हूँ प्यार के ख़ज़ाने

कुछ भी न अपनी खबरिया ख़बरिया
कुछ भी न अपनी ख़बरिया मैं ऐसी भोली
दिन कब आए कब जाए

ऐसा भी आए कोई बादल हमारे अँगना
रिमझिम प्यार लुटाए

हे नदिया किनारे फिरू प्यासी
हाय पि बिना जियरा तरस तरस रह जाए

हो ओ ओ, प्यासे हैं दोनों अँखियों के भँवरे

डालू किसी पर कजरा से डोरे

हो ओ ओ, पंख पसारे चुप हैं निगोड़े

लूटेंगे दिल मधु के कटोरे

ढूंढे किसी को नजरिया नजरिया
ढूंढे किसी को नजरिया
ये बैरी मौसम आग है लगाए

ऐसा भी आए कोई बदल हमारे अँगना
रिमझिम प्यार लुटाए

ए ए नदिया किनारे फिरू प्यासी
हाय पि बिना जियरा तरस तरस रह जाए

नदिया किनारे फिरू प्यासी
हाय पि बिना जियरा तरस तरस रह जाए

Written by:
Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Lata Mangeshkar

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