Jagjit Singh - Kal Raat Jahan Mein

हर गोशा गुलिस्ताँ था कल रात जहाँ मैं था
हर गोशा गुलिस्ताँ था कल रात जहाँ मैं था (कल रात जहाँ मैं था)
इक जश्न-ए-बहाराँ था कल रात जहाँ मैं था (कल रात जहाँ मैं था)
हर गोशा गुलिस्ताँ था कल रात जहाँ मैं था (कल रात जहाँ मैं था)

नग़में थे हवाओं में जादू था फ़िज़ाओं में
नग़में थे हवाओं में जादू था फ़िज़ाओं में
हर साँस ग़ज़लख्वाँ था कल रात जहाँ मैं था (कल रात जहाँ मैं था)
हर साँस ग़ज़लख्वाँ था कल रात जहाँ मैं था (कल रात जहाँ मैं था)

दरिया-ए-मोहब्बत में कश्ती थी जवानी की
दरिया-ए-मोहब्बत में कश्ती थी जवानी की
जज़्बात का तूफाँ था कल रात जहाँ मैं था (कल रात जहाँ मैं था)
हर गोशा गुलिस्ताँ था कल रात जहाँ मैं था (कल रात जहाँ मैं था)

महताब था बाहों में जलवे थे निगाहों में
महताब था बाहों में जलवे थे निगाहों में
हर सिम्त चरागाँ था कल रात जहाँ मैं था (कल रात जहाँ मैं था)
हर गोशा गुलिस्ताँ था कल रात जहाँ मैं था (कल रात जहाँ मैं था)
इक जश्न-ए-बहाराँ था कल रात जहाँ मैं था (कल रात जहाँ मैं था)

Written by:
Khalid Kuwaitvi

Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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Jagjit Singh

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