Kishore Kumar - Neele Ambar Ki

नीले अम्बर के दो नैना
किसे चाहे किसे न
नीले अम्बर के दो नैना
दो नैना किसे चाहे किसे न
एक दिन है तो एक रैना
किसे चाहे किसे न
नीले अम्बर के दो नैना
किसे चाहे किसे न

मंदिर में दो मूरत हो तो
कोई पुजारी फूल चढ़ाए
एक मन में दो सुरत हो तो
कोई कैसे प्रीत निभाए
एक सच है तो एक सपना
किसे चाहे किसे न
नीले अम्बर के दो नैना
दो नैना किसे चाहे किसे न

एक पैर ृंगीम बरखा बरसे
दूजे पर बिजली लहराये
एक बगिया में
बरखा बिजली
दोनों है एक संग समाये
दोनों मने उसे अपना
किसे चाहे किसे न
नीले अम्बर के दो नैना
दो नैना किसे चाहे किसे न

कभी कभी किस्मत अन्जाने
ऐसे दो रहे पैर लए
प्यार जहा बन जाये उल्जन
पागल मन कुछ समझ न पाये
चले मन पर कोई बस नाम
किसे चाहे किसे न
नीले अम्बर के दो नैना
दो नैना किसे चाहे किसे न
एक दिन है तो एक रैना
किसे चाहे किसे न
नीले अम्बर के दो नैना
दो नैना किसे चाहे किसे न

Written by:
ANJAAN, Laxmikant Pyarelal

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Kishore Kumar

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