Kishore Kumar - O Majhi Re Apna Kinara

ओ मांझी रे
ओ मांझी रे अपना किनारा,नदिया की धारा है
ओ मांझी रे

साहिलों पे बहने वाले
कभी सुना तो होगा कहीं, ओ
हो, कागज़ों की कश्तियों का
कहीं किनारा होता नहीं
हो मांझी रे मांझी रे
कोई किनारा जो किनारे से मिले वो
अपना किनारा है

ओ मांझी रे

पानियों में बह रहे हैं
कई किनारे टूटे हुए ओ
हो, रास्तों में मिल गए हैं
सभी सहारे छूटे हुए
कोइ सहारा मझधारे में मिले वो
अपना सहारा है
ओ मांझी रे,अपना किनारा,नदिया की धारा है

Written by:
Gulzar, R D Burman

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Kishore Kumar

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