Kishore Kumar - O Manchali Kahan Chali
ओ मनचली कहाँ चली
ओ मनचली कहाँ चली
देख देख देख देख मुझ से न शरमा
एक एक एक मै हूँ एक भावरा
हो हो हो हो और तू कली ओ मनचली कहाँ चली
ओ मनचली कहाँ चली
देख देख देख देख मुझ से न शरमा
एक एक एक मै हूँ एक भावरा
हम्म हम्म हम्म हम्मऔर तू कली ओ मनचली कहाँ चली
ओ मनचली कहाँ चली
होठों पे लेके तेरा नाम, आई है रंग भरी शाम
फूलो के छलके है जाम, भवरो ने दिल लिए थाम
ऐसे में हे हे हो हो हो हो
ऐसे में तोड़ के प्रेम की डोरी चकोरी ओ गोरी तू कहाँ चली
ओ मनचली कहाँ चली, ओ मनचली कहाँ चली
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
दुनिया से नहीं डरेंगे कब तक हम आहे भरेंगे
आजा दो बाते करेंगे, चुप के मुलाकते करेंगे
ये सच है हे हे हो ए हे ओ
ये सच है मै हूँ एक दीवाना, ये माना न जाना तू कहाँ चली
ओ मनचली कहाँ चली, ओ मनचली कहाँ चली
रुत ऐसी आई हुई है, बदली भी छाई हुई है
तू क्यों घबराई हुई है, मुझसे शरमाई हुई है
प्यार में हे हे हो ए हे ओ
प्यार में यार से आँख चुराके, सताके जलाके तू कहाँ चली
ओ मनचली कहाँ चली, ओ मनचली कहाँ चली
देख देख देख देख मुझ से न शरमा
एक एक एक मै हूँ एक भावरा
हो हो हो हो और तू कली ओ मनचली कहाँ चली
ओ मनचली कहाँ चली
Written by:
Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
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