Asha Bhosle - O Panchhi Pyare Sanjh Sakare

दो नैनन के मिलन को दो नैना बुलाएं
जब नैना हों सामने तो नैना झुक जाएं

ओ पंछी प्यारे सांझ सखारे
बोले तू कौन सी बोली बता रे
बोले तू कौन सी बोली
ओ पंछी प्यारे सांझ सखारे
बोले तू कौन सी बोली बता रे
बोले तू कौन सी बोली

मैं तो पंछी पिंजरे की मैना
पँख मेरे बेकार
बीच हमारे सात रे सागर
कैसे चलूँ उस पाव
कैसे चलूँ उस पाव
ओ पंछी प्यारे सांझ सखारे
बोले तू कौन सी बोली बता रे
बोले तू कौन सी बोली

फागुन महीना फूली बगिया
आम झरे अंराई
मैं खिड़की से चुप चुप देखूँ
ऋतु बसंत की आई
ऋतु बसंत की आई
ओ पंछी प्यारे सांझ सखारे
बोले तू कौन सी बोली बता रे
बोले तू कौन सी बोली
ओ पंछी प्यारे सांझ सखारे
बोले तू कौन सी बोली बता रे
बोले तू कौन सी बोली

Written by:
SHAILENDRA, S D Burman

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

Lyrics powered by Lyric Find

Asha Bhosle

Asha Bhosle

View Profile