Swati Sharma, K.K. and Ali Aslam - Pakeeza
तेरे मेरे दिल का रिश्ता पाकीज़ा पाकीज़ा
इश्क़ मुक्कमल अपना पोषीदा
तेरे मेरे दिल का रिश्ता पाकीज़ा पाकीज़ा
इश्क़ मुक्कमल अपना पोषीदा
खाबों की गुलकोशी है फिरदोसी फिरदोसी है
जेहेन की परवाज़ों में अजब सी मदहोशी है
ऐ खुदा तेरा शुक्रिया शुक्रिया
तेरी अदा करूँ क्या बयां
खुलती नहीं मेरी ये जुबां ये जुबां
तू है बड़ा बड़ा मेहरबाँ
मेहरबाँ मेहरबाँ मेहरबाँ
मेहरबाँ मेहरबाँ मेहरबाँ
तू ही तू
तू ही तू तू ही तू तू ही तू तू ही तू
तू ही तू तू ही तू तू ही तू तू ही तू
दरमियाँ कुबकु चारसू तू ही तू
तू ही तू तू ही तू तू ही तू तू ही तू (तू उ उ उ उ)
तू ही तू तू ही तू तू ही तू (उ उ उ उ)
आसमाँ ये ज़मीं जैसे थम सी गई
एक नई दास्ताँ अब शुरू हो गई
ना सरहदें ना बन्दिशें
पूरी हुई सब ख्वाहिशें
मुश् की फ़िज़ाएं हैं सुरमई
कानों में जैसे कुछ केह गई
सब्र दिल का टूटा था रूह थी तारसी तरसी
रेहमतें अर्शी अर्शी हम पे है बरसी बरसी
ऐ खुदा तेरा शुक्रिया शुक्रिया
तेरी अदा करूँ क्या बयां
खुलती नहीं मेरी ये जुबां ये जुबां
तू है बड़ा बड़ा मेहरबाँ
मेहरबाँ मेहरबाँ मेहरबाँ
मेहरबाँ मेहरबाँ मेहरबाँ
मस्तियाँ मदभरी इन निगाहों में है
तू ही दिल में मेरे तू ही बाहों में है
हम दो परिंदों की एक है डगर
उड़ जाएंगे हम तो चाहत के घर
लबों की शरारत है जोश में
ये हम पर है लाज़िम रहे होश में
हाथों में हाथ हाथ है वल्ला क्या बात बात है
नेमतों का हासिल ये एक तेरा साथ साथ है (हम्म म्म हम्म)
ऐ खुदा तेरा शुक्रिया शुक्रिया
तेरी अदा करूँ क्या बयां
खुलती नहीं मेरी ये जुबां ये जुबां
तू है बड़ा बड़ा मेहरबाँ
मेहरबाँ मेहरबाँ मेहरबाँ
मेहरबाँ मेहरबाँ मेहरबाँ
मेहरबाँ मेहरबाँ मेहरबाँ
मेहरबाँ मेहरबाँ मेहरबाँ (मेहरबाँ मेहरबाँ मेहरबाँ)
Written by:
Ahmed Siddiqui
Publisher:
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