Manna Dey - Phir Wohi Dard Hai Phir Wohi Jigar
आ ह ह
फिर वही दर्द है, फिर वही जिगर
फिर वही रात है, फिर वही है डर
हम समझे ग़म कर गया सफ़र
द्वार दिल का खुल गया हाथी निकल गया
दुम रह गई मगर
फिर वही दर्द है, फिर वही जिगर
फिर वही रात है, फिर वही है डर
हम समझे ग़म कर गया सफ़र
द्वार दिल का खुल गया हाथी निकल गया
दुम रह गई मगर
हम तो समझे दुश्मनों का हाथ कट गया
दो दिलों के बीच से पहाड़ हट गया
हम तो समझे दुश्मनों का हाथ कट गया
दो दिलों के बीच से पहाड़ हट गया
ग़म के भारी दिन गये गुज़र
द्वार दिल का खुल गया हाथी निकल गया
दुम रह गई मगर
फिर वही दर्द है, फिर वही जिगर
फिर वही रात है, फिर वही है डर
तू दुल्हन बनेगी और चढ़ेगी रागिनी
तान्ह ह्म ह्म तान्ह ह्म ह्म
तू दुल्हन बनेगी और चढ़ेगी रागिनी
आई प्यार के मधुर मिलन के चाँदनी
तू दुल्हन बनेगी और चढ़ेगी रागिनी
आई प्यार के मधुर मिलन के चाँदनी
लेकिन थोड़ी रह गई क़सर
द्वार दिल का खुल गया हाथी निकल गया
दुम रह गई मगर
फिर वही दर्द है, फिर वही जिगर
फिर वही रात है, फिर वही है डर
हम समझे ग़म कर गया सफ़र
द्वार दिल का खुल गया हाथी निकल गया
दुम रह गई मगर
आ ह ह
मैंने चाहा भूल जाऊँ क्यूँ रहूँ ख़राब
पर तेरा ये हुस्न जैसे डाल में गुलाब
मैंने चाहा भूल जाऊँ क्यूँ रहूँ ख़राब
पर तेरा ये हुस्न जैसे डाल में गुलाब
थोड़ा-थोड़ा है वही असर
द्वार दिल का खुल गया हाथी निकल गया
दुम रह गई मगर
फिर वही दर्द है, फिर वही जिगर
फिर वही रात है, फिर वही है डर
हम समझे ग़म कर गया सफ़र
द्वार दिल का खुल गया हाथी निकल गया
दुम रह गई मगर
Written by:
Majrooh Sultanpuri, Salil Chowdhury
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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