Talat Aziz - Rafta Rafta
रफ्ता रफ्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गये
रफ्ता रफ्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गये
पहले जां, फिर जानेजां
पहले जां, फिर जानेजां, फिर जानेजाना हो गये
रफ्ता रफ्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गये
पहले जां, फिर जानेजां
पहले जां, फिर जानेजां, फिर जानेजाना हो गये
रफ्ता रफ्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गये
दिन-ब-दिन बढ़ती गईं इस हुस्न की रानाइयां
दिन-ब-दिन बढ़ती गईं
दिन-ब-दिन बढ़ती गईं इस हुस्न की रानाइयां
पहले गुल, फिर गुल-बदन
पहले गुल, फिर गुल-बदन, फिर गुल-बदामां हो गए
रफ्ता रफ्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गये
आप तो नज़दीक से नज़दीक-तर आते गए
आप तो नज़दीक से
आप तो नज़दीक से नज़दीक-तर आते गए
आप तो नज़दीक से नज़दीक-तर आते गए
पहले दिल, फिर दिलरुबा
पहले दिल, फिर दिलरुबा, फिर दिल के मेहमां हो गए
रफ्ता रफ्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गये
रफ्ता रफ्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गये
पहले जां, फिर जानेजां, फिर जानेजाना हो गये
रफ्ता रफ्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गये
प्यार जब हद से बढ़ा सारे तकल्लुफ मिट गए ए ए
प्यार जब हद से बढ़ा
प्यार जब हद से बढ़ा सारे तकल्लुफ मिट गए
आप से, फिर तुम हुए
आप से, फिर तुम हुए, फिर तू का ऊनवाँ हो गए
रफ्ता रफ्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गये
रफ्ता रफ्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गये
पहले जां, फिर जानेजां
पहले जां, फिर जानेजां, फिर जानेजाना हो गये
रफ्ता रफ्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गये
रफ्ता रफ्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गये
Written by:
TALAT AZIZ, TASSILO IPPENBERGER
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
Lyrics powered by Lyric Find