Kishore Kumar and Lata Mangeshkar - Rimjhim Gire Sawan
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
कैसे देखे सपने नयन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
ला ला ला ला ला
पहले भी यूँ तो बरसे थे बादल
पहले भी यूँ तो भीगा था आँचल
ला ला ला ला ला
पहले भी यूँ तो बरसे थे बादल
पहले भी यूँ तो भीगा था आँचल
अबके बरस क्यू सजन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
ला ला ला ला ला
Written by:
YOGESH, RAHUL DEV BURMAN
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
Lyrics powered by Lyric Find