Lata Mangeshkar and Shabbir Kumar - Rishta Yeh Mohabbat Ka
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनो को निभाना है
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनो को निभाना हैं
एक आग का दरिया हैं
और पं भी जाना हैं
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनो को निभाना हैं
एक आग का दरिया हैं
और पं भी जाना हैं
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनो को निभाना है'
जिस रात चन्दनिया से
ये चाँद खफा होगा
जिस रात चन्दनिया से
ये चाँद खफा होगा
उस रात के रही का सोचा
भी हैं क्या होगा
रास्ते में अंधेरा हैं
और दूर ठिकाना है
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनो को निभाना है
वो घर भी कोई घर हैं
दीवार ना हो जिसमें
वो घर भी कोई घर हैं
दीवार ना हो जिसमें
उस प्यार की क्या कीमत
तकरार ना हो जिसमे
गुस्सा तो मानने का
बस एक बहाना है
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनो को निभाना है
भूले से कोई आँसू
आँखो में अगर आए
भूले से कोई आँसू
आँखो में अगर आए
वो दिल की आमंत हैं
मिट्टी में ना मिल जाए
उलफत का वो मोटी हैं
पलाको में च्छुपाना हैं
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनो को निभाना हैं
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनो को निभाना हैं
एक आग का दरिया हैं
और पं भी जाना हैं
एक आग का दरिया हैं
और पं भी जाना हैं
रिश्ता ये मोहब्बत का
दोनो को निभाना हैं
दोनो को निभाना हैं
दोनो को निभाना हैं
Written by:
LAXMIKANT PYARELAL, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
Publisher:
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