Bhupinder Singh and Mitali Singh - Sach Kahte Hain
सच कहते हैं
तुम रूठे तो
हम मार जाएँगे
सच कहते हैं
तुम रूठे तो
हम मार जाएँगे
तुम को खोकर
इस जाग में क्या
हम रह पाएँगे
हम भी मार जाएँगे
कल सारे दिन तुम ना मिले तो
हम तडपे कितना
उतना ही हम तडपे साथी तुम तडपे जितना
मुझे से केहडो अबना ऐसे पल फिर आएँगे
हन अब नही आएँगे
सच कहते हैं
तुम रूठे तो हम मार जाएँगे
हम भी मार जाएँगे
पल भर भी डोर ना होना इन अखियों से तुम
बस में होतो इन नैनो में हो जौन मैं घूम
साथ रहो तुम तो दुख में भी हम मुस्काएँगे
हम साथ निभाएँगे
सच कहते हैं तुम रूठे तो
हम मार जाएँगे
हम भी मार जाएँगे
तुम क्यूँ तुम और मैं क्यूँ मैं हूँ
क्यूँ हैं यह दूरी
इस दूरी बिन प्रेम कहानी कैसे हो पूरी
कब ये होगा जब मैं और तुम एक हो जाएँगे
हो दिन भी आएँगे
सच कहते हैं तुम रूठे तो
हम मार जाएँगे
हम भी मार जाएँगे
तुम को खोकर
इस जाग में क्या
हम रह पाएँगे
सच कहते हैं
तुम रूठे तो
हम मार जाएँगे
तुम को खोकर
इस जाग में क्या
हम रह पाएँगे
Written by:
Bhupinder Singh Bath, Ravinder Rawal
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
Lyrics powered by Lyric Find