विनोद राठोड and Alka Yagnik - Samajh Kar Chand Jis ko

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

समझकर चाँद जिसको
आसमान ने दिल में रखा है
समझकर चाँद जिसको
आसमान ने दिल में रखा है
मेरे मेहबूब की टूटी हुई
चूड़ी का टुकड़ा है
मेरे मेहबूब की टूटी हुई
चूड़ी का टुकड़ा है

तेरे मेहंदी लगे हाथों
में जब चूड़ी खनकती है
तोह इस गोरी कलाई में
यह दिल बनके धड़कती है
यह दिल बनके धड़कती है
यह दिल बनके धड़कती है
यह चूड़ी आशिक़ों को
प्यार के नगमे सुनती है
सुहानी रात की खामोशियों
में हीर गाती है
यह चूड़ी हीर गाती है
यह चूड़ी हीर गाती है

ज़मीन पर जो उतर आया
यह वह जन्नत का नगमा है
समझकर चाँद जिसको
आसमान ने दिल में रखा है
मेरे मेहबूब की टूटी हुई
चूड़ी का टुकड़ा है
मेरी नज़रों से देखो तोह
वह मेरे दिल का टुकड़ा है

सा जा दी मा पा मा गा आ आ आ आ आ

मेरे मेहबूब जैसा इस
ज़माने मेंनही कोई
दिया लेके भी ढूँढो तो
नहीं ऐसा हसि कोई
नहीं ऐसा हसि कोई
नहीं ऐसा हसि कोई
कभी टूटे से टूटे न
हमारे प्यार की डोरी
तेरी चाहत भी बस
मेरे लिए अनमोल है गोरी
बड़ी अनमोल है गोरी
बड़ी अनमोल है गोरी

जुदा हम तुम नहीं होंगे
हमारा तुमसे वादा है
समझकर चाँद जिसको
आसमान ने दिल में रखा है
मेरी नज़रों से देखो तो
वह मेरे दिल का टुकड़ा है
मेरे मेहबूब की टूटी हुई
चूड़ी का टुकड़ा है

Written by:
Anu Malik, Zameer Kazmi

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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विनोद राठोड and Alka Yagnik

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