Asha Bhosle and Kishore Kumar - Sara Din Sataate Ho

सारा दिन सताते हो रातों को जगाते हो
सारा दिन सताते हो रातों को जगाते हो
तुम याद बहुत आते हो
तुम याद बहुत आते हो

थोड़ी देर को आते हो चले जाते हो
थोड़ी देर को आते हो चले जाते हो
तुम याद बहुत आते हो
सारा दिन सताते हो रातों को जगाते हो
थोड़ी देर को आते हो चले जाते हो

बातें करता हूँ मैं कुछ नादानों सी
अब्ब तोह मेरी हालत है बस दीवानो सी
बातें करता हूँ मैं कुछ नादानों सी
अब्ब तोह मेरी हालत है बस दीवानो सी
दीवाने हो तुम सबको दीवाना बनाते हो
हो थोड़ी देर को आते हो चले जाते हो
हो सारा दिन सताते हो रातों को जगाते हो

मौसम दिल की धड़कन जैसा लगता है
इस कोयल की कूक से तरसा लगता है
मौसम दिल की धड़कन जैसा लगता है
इस कोयल की कूक से तरसा लगता है

मुझको ऐसा लगता है जैसे तुम बुलाते हो
हो सारा दिन सताते हो रातों को जगाते हो
ओ थोड़ी देर को आते हो चले जाते हो

कब दिन ढलता है
कब चाँद निकालता है
कब दिन ढलता है
कब चाँद निकालता है
हाय चकोरि का मन ये जैसे जलाता है

यूँ ही तरसा तरसा कर
तुम सूरत दिखाते हो

सारा दिन सताते हो रातों को जगाते हो
तुम याद बहुत आते हो
तुम याद बहुत आते हो

थोड़ी देर को आते हो चले जाते हो
तुम याद बहुत आते हो
तुम याद बहुत आते हो
तुम याद बहुत आते हो
तुम याद बहुत आते हो

Written by:
Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA

Publisher:
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Asha Bhosle and Kishore Kumar

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