Jagjit Singh - Shayad Main Zindagi Ki Sahar

शायद मैं जिंदगी की सहर लेके आ गया

शायद मैं जिंदगी की सहर लेके आ गया
कातिल को आज अपने ही घर लेके आ गया
शायद मैं जिंदगी की सहर लेके आ गया

ता उम्र ढूँढता रहा मंजिल मैं इश्क की

ता उम्र ढूँढता रहा मंजिल मैं इश्क की
अंजाम ये के गर्द ए सफर लेके आ गया
अंजाम ये के गर्द ए सफर लेके आ गया
कातिल को आज अपने ही घर लेके आ गया

नश्तर है मेरे हाथ में कांधों पे मैकदा

नश्तर है मेरे हाथ में कांधों पे मैकदा
लो मैं इलाज ए दर्द ए जिगर लेके आ गया
लो मैं इलाज ए दर्द ए जिगर लेके आ गया
कातिल को आज अपने ही घर लेके आ गया

फाकिर सनम कदे में ना आता मैं लौटकर

फाकिर सनम कदे में ना आता मैं लौटकर
एक जख्म भर गया था इधर लेके आ गया
एक जख्म भर गया था इधर लेके आ गया
शायद मैं जिंदगी की सहर लेके आ गया
कातिल को आज अपने ही घर लेके आ गया

Written by:
JAGJIT SINGH, SUDARSHAN FAAKIR

Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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Jagjit Singh

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