Amit Trivedi, श्रुति पाठक and दिव्या कुमार - Shubhaarambh
रंगी परोड आवी खुशिया संग लावी
हर खाए हैयो हाय हाय
रंगी परोड आवी खुशिया संग लावी
हर खाए हैयो हाय हाय
अशानी किरणों को बिखराए उमंगें भी छलकाए
मन हलवे सी गुनगुनाये हाय हाय हाय
हे शुभारंभ हो शुभारंभ मंगल बेला आयी
सपनो की देहरी पे दिल की बाजी रे शेहनाई शेहनाई शेहनाई
हे शुभारंभ हो शुभारंभ मंगल बेला आयी
सपनो की देहरी पे दिल की बाजी रे शेहनाई शेहनाई शेहनाई
ख्वाबो के बीज कची जमीं पे हमको बौना हैं
आशा के मोती सांसो की माला हमें पिरोना हैं
अपना बोझा मिलके साथी हमको ढोना हैं
शेहनाई शेहनाई शेहनाई
रास रचिलो साज सजिलो शुभ घडी छे आवि
आजा आजा टमटमाता शमना ओ छो लावी ओ लावी ओ लावी
रंगी परोड आवी खुशिया संग लावी
हर खाए हैयो हाय हाय
रंगी परोड आवी खुशिया संग लावी
हर खाए हैयो हाय हाय
हा मजा हैं ज़िन्दगी नशा हैं ज़िन्दगी धीरे धीरे चढेगी हा
दुआ दे ज़िन्दगी बता दे ज़िन्दगी बात अपनी बनेगी हा
ख्वाबो के बीज कची जमीं पे हमको बौना हैं
आशा के मोती सांसो की माला हमें पिरोना हैं
अपना बोझा मिलके साथी हमको ढोना हैं
शेहनाई शेहनाई शेहनाई
हे रंगलो मारा ना ढाये ढाये
हे शुभारंभ हो शुभारंभ मंगल बेला आयी
सपनो की देहरी पे दिल की बाजी रे शेहनाई शेहनाई
रास रचिलो साज सजिलो शुभ घडी छे आवि
आजा आजा टमटमाता शमना ओ छो लावी ओ लावी ओ लावी
हे मारा आ आ आ
Written by:
Swanand Kirkire, Shruti Pathak
Publisher:
Lyrics © DRISTANTA MUSIC
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