Mahendra Kapoor - Shyamal Shyamal Baran
शमल शमल बरन कोमल कोमल चरण
तेरे मुखड़े पे चंदा
बड़े मन्न से विधाता ने तुझको घड़ा
तेरे बालो में सिमटी सावन की घटा
शमल शमल बरन कोमल कोमल चरण
तेरे बालो में सिमटी सावन की घटा
तेरे बालो में सिमटी सावन की घटा
तेरे गालों पे छिटकी
पूनम की षटता
ओ पूनम की षटता
तीखे तीखे नयन मीठे मीठे बयान
तेरे अगो पे चंपा का रंग चढ़ा
बड़े मन से विधाता ने तुझको घड़ा
शमल शमल बरन कोमल कोमल चरण
ओ ओ ओ ओ ओ
यह उम्र यह कमर सो सो बल खा रही
सो सो बल खा रही
तेरी तिरछी नजर तीर बरसा रही
तीर बरसा रही
नाजुक नाजुक बदन धीमे धीमे चलें
नाजुक नाजुक बदन धीमे धीमे चलें
तेरे बांकी लटक में हैं जादू बड़ा
बड़े मन्न से विधाता ने तुझको घड़ा
शमल शमल बरन कोमल कोमल चरण
किस परस से सोना यह टकरा गया
तुजे रचकर चितेरा भी चकरा गया
किस परस से सोना यह टकरा गया
तुजे रचकर चितेरा भी चकरा गया
न इधरना इधर जा सका
न इधरना इधर जा सका
रह गया देखता वह खड़ा ही खड़ा
बड़े मन से विधाता ने तुझको घड़ा
बड़े मन से विधाता ने तुझको घड़ा
शमल शमल बरन कोमल कोमल चरण
Written by:
Bharat Vyas, C Ramchandra
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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