Mohammed Rafi - Suhani Raat Dhal Chuki

सुहानी रात ढल चुकी
ना जाने तुम कब आओगे
सुहानी रात ढल चुकी
ना जाने तुम कब आओगे
जहाँ की रुत बदल चुकी
ना जाने तुम कब आओगे

नज़ारे अपनी मस्तियां
दिखा दिखा के सो गये
सितारे अपनी रौशनी
लुटा लुटा के सो गये
हर एक शम्मा जल चुकी
ना जाने तुम कब आओगे
सुहानी रात ढल चुकी
ना जाने तुम कब आओगे

तड़प रहे हैं हम यहाँ
तड़प रहे हैं हम यहाँ
तुम्हारे इंतज़ार में
तुम्हारे इंतज़ार में
फिज़ा का रंग आ चला है
मौसम ए बहार में
फिज़ा क रंग आ चला है
मौसम ए बहार में
मौसम ए बहार में
हवा भी रुख बदल चुकी
ना जाने तुम कब आओगे
सुहानी रात ढल चुकी
ना जाने तुम कब आओगे

Written by:
SHAKEEL BADAYUNI NAUSHAD, Naushad, Shakeel Badayuni

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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