Jagjit Singh - Todkar Ahd - E - Wafa
तोड़कर अहद-ए-करम ना आशना हो जाइये
बंदापरवर जाइये अच्छा ख़फ़ा हो जाइये
राह में मिलिये कभी मुझ से तो अज़ राह-ए-सितम
होंठ अपने काटकर फ़ौरन जुदा हो जाइये
जी में आता है के उस शौक़-ए-तग़ाफ़ुल केश से
अब ना मिलिये फिर कभी और बेवफ़ा हो जाइये
हाय री बेइख़्तियारी ये तो सब कुछ हो मगर
उस सरापा नाज़ से क्यूँ कर ख़फ़ा हो जाइये
तोड़कर अहद-ए-करम ना आशना हो जाइये
बंदापरवर जाइये अच्छा ख़फ़ा हो जाइये
Written by:
Hasrat Mohani, Jagjit Singh
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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