Mahendra Kapoor - Tu Husn Ka Hain Darwan

तू हुस्न का है दरभन तो
मई हू इश्क़ का पहरेढ़र
जब तेरी मेरी इक मर्ज़ी
तो खिले घुलॉग़ुलजार
घुलॉग़ुलजार घुलॉग़ुलजार
तू हुस्न का है दरभन तो
इश्क़ का पहरेढ़र
जब तेरी मेरी इक मर्ज़ी
तो खिले घुलॉग़ुलजार
घुलॉग़ुलजार घुलॉग़ुलजार

प्यार का रही आया है
प्यार का रही आया है
इश्क़ की दौलत लाया है
मिलवादे उस हूर से
जिसने दिल मेरा धड़काया है
मिलवादे उस हूर से
जिसने दिल मेरा धड़काया है
तू हुस्न का तू हुस्न का
तू हुस्न का
है दरभन तो मई हू
इश्क़ का पहरेढ़र
जब तेरी मेरी इक मर्ज़ी तो
खिले घुलॉग़ुलजार
घुलॉग़ुलजार घुलॉग़ुलजार

तेरा मेरा क्या जगड़ा
तेरा मेरा क्या जगड़ा
टूटा है बिचकर खड़ा
बात बना दे दिल वालो की
एहसान हो जाए ये बड़ा
अरे ख़ान बाबा मान
मान बाबा खाना
तू हुस्न का तू हुस्न का
तू हुस्न का है दरभन तो
मई हू इश्क़ का पहरेढ़र
जब तेरी मेरी इक मर्ज़ी
तो खिले घुलॉग़ुलजार
घुलॉग़ुलजार घुलॉग़ुलजार

ये ना समाज धार जौंगा
ये ना समाज धार जौंगा
काम कोई कर जौंगा
इस घर से अब देल्हन
लेकर ही वापिस जौंगा
इस घर से अब देल्हन
लेकर ही वापिस जौंगा
तू हुस्न का है दरभन तो
मई हू इश्क़ का पहरेढ़र
जब तेरी मेरी इक मर्ज़ी
तो खिले घुलॉग़ुलजार
घुलॉग़ुलजार घुलॉग़ुलजार

Written by:
Ravi, Rajinder Krishnan

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Mahendra Kapoor

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