Jagjit Singh - Tum Meri Rakho Laaj Hari

तुम मेरी राखो लाज हरी
तुम मेरी राखो लाज हरी
तुम मेरी राखो लाज हरी

तुम जानत सब अंतर्यामी
तुम जानत सब अंतर्यामी
करनी कछु ना करी
तुम मेरी राखो लाज हरी
तुम मेरी राखो लाज हरी

अवगुन मोसे विसरत नाही
अवगुन मोसे विसरत नाही
पल चीन घडी घडी
तुम मेरी राखो लाज हरी
तुम मेरी राखो लाज हरी

दारा सूत धन मोह लिए हो
दारा सूत धन मोह लिए हो
सुध बुध सब बिसरि
तुम मेरी राखो लाज हरी
तुम मेरी राखो लाज हरी
तुम मेरी राखो लाज हरी

सूर्य पतित को मेघ उधारो
सूर्य पतित को मेघ उधारो
अब मेरी नाव धरी
तुम मेरी राखो लाज हरी
तुम मेरी राखो लाज हरी
तुम मेरी राखो लाज हरी

Written by:
JAGJIT SINGH

Publisher:
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