Lata Mangeshkar and Jagjit Singh - Tum Paas Aa Rahe Ho
धीरे, धीरे, धीरे, धीरे
आँखों में छा रहे हो
तुम पास आ रहे हो
चुपके, चुपके, चुपके, चुपके
दिल में समा रहे हो
तुम पास आ रहे हो
धीरे, धीरे
चुपके, चुपके
झुकती हुई ये पलकें, खुलते हुए ये गेसू
झुकती हुई ये पलकें, खुलते हुए ये गेसू
ये शर्म की अदाएँ, वो शोखियों का जादू
कैसे, कैसे, कैसे कैसे
सपने दिखा रहे हो
तुम पास आ रहे हो
धीरे, धीरे
चुपके, चुपके
फूलों भरे नज़ारे, ये खुशबुओं के डेरे
फूलों भरे नज़ारे, ये खुशबुओं के डेरे
लगते हैं ख्वाब जैसे, ये शाम ये सवेरे
हौले, हौले, हौले, हौले
अरमां जगा रहे हो
तुम पास आ रहे हो
चुपके, चुपके
धीरे, धीरे
आँखों में छा रहे हो
तुम पास आ रहे हो
आ हा हा हो हो हो
हं हं हं ला ला ला
Written by:
JAVED AKHTAR, LATE MADAN MOHAN, MADAN MOHAN
Publisher:
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