Kishore Kumar and Dilip Kumar - Uparwala Dukhion Ki Nahin Sunta Re

हे हो
उपर वाला दुखियो की नही सुनता रे
सोता है बहुत जगा है ना
उपर वाला दुखियो की नही सुनता रे
कौन है जो उसको गगन से उतारे
बन बन बन मेरे जैसा बन
इस जीवन का यही है जतन साला यही है जतन
अरे ग़म की आग बुझाना है तो हमसे सीखो यार
आग लगी
आग लगी हमरी झोपडिया मे हम गावै मल्हार
देख भाई कितने तमाशे की ज़िंदगानी हमार

हे भोले भाले ललवा
पुलु पुलु पुलु पुलु भोले भाले ललवा खाए जा रोटी बासी
अरे ये ही खा के जवान होगा बेटा हा हा
भोले भाले ललवा खाए जा रोटी बासी
बड़ा हो के बनेगा साहेब का चपरासी
खेल खेल खेल माटी मे होली खेल
गाल मे गुलाल है ना ज़ुल्फो मे तेल
अरे अपनी भी जवानी क्या है सुना टेने यार
आग लगी
आग लगी हमरी झोपडिया मे हम गावै मल्हार
देख भाई कितने तमाशे की ज़िंदगानी हमार

हे सजनी तू काहे आई नगरी हमारी
चल जा भग जा भग
सजनी तू काहे आई नगरी हमारी
धरेगा बिदेसी बाबू बहियाँ तुम्हारी
थाम थाम थाम गोरी ज़रा थाम
नही लूट जाएगी राम कसम
अरे केहू नही आएगा रे सुन के पुकार
आग लगी
आग लगी हमारी झोपडिया मे हम गावै मल्हार
देख भाई कितने तमाशे की ज़िंदगानी हमार

Written by:
Majrooh Sultanpuri, S D Burman

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Kishore Kumar and Dilip Kumar

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