Jagjit Singh and Chitra Singh - Us Mod Se Shuroo Karen

उस मोड़ से शुरू करे फिर ये जिंदगी
उस मोड़ से जुरू करे फिर ये जिंदगी

हर शय जहाँ हसीन थी हम तुम थे अजनबी (हर शय जहाँ हसीन थी हम तुम थे अजनबी)
उस मोड़ से शुरू करे फिर ये जिंदगी (उस मोड़ से शुरू करे फिर वे जिंदगी)

लेकर चले थे हम जिन्हें जन्नत के ख्वाब थे
लेकर चले थे हम जिन्हें जन्नत के ख्वाब थे
फूलो के ख्वाब थे वो मोहब्बत के ख्वाब थे
लेकिन कहा है उनमे वो पहले सी दिलकशी
उस मोड़ से शुरू करे फिर ये जिंदगी

रहते थे हम हसीन ख़यालो की भीड़ मे
रहते थे हम हसीन ख़यालो की भीड़ मे
उलझे हुए है आज सवालों की भीड़ मे
आने लगी है याद वो फुरसत की हर घड़ी
उस मोड़ से शुरू करे फिर वे जिंदगी
हर शय जहाँ हसीन थी हम तुम थे अजनबी
उस मोड़ से शुरू करे फिर ये जिंदगी

शायद ये वक्‍त हमसे कोई चाल चल गया

शायद ये वक्‍त हमसे कोई चाल चल गया (शायद ये वक्‍त हमसे कोई चाल चल गया)
रिश्ता वफ़ा का और ही रंगों मे ढल गया (रिश्ता वफ़ा का और ही रंगों मे ढल गया)
अश्को की चांदनी से थी बेहतर वो धूप ही (अश्को की चांदनी से थी बेहतर वो धूप ही)
उस मोड़ से शुरू करे फिर ये जिंदगी (उस मोड़ से शुरू करे फिर ये जिंदगी)
हर शय जहाँ हसीन थी हम तुम थे अजनबी (हर शय जहाँ हसीन थी हम तुम थे अजनबी)
उस मोड़ से शुरू करे फिर ये जिंदगी (उस मोड़ से शुरू करे फिर ये जिंदगी)

Written by:
JAGJIT SINGH, SUDARSHAN FAAKIR

Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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Jagjit Singh and Chitra Singh

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