अल्तमश फरीदी and मिथुन - Wajah Tum Ho [Lounge]

हा हा आ आ हा हा आ आ हा हा आ
हम जो हर मौसम पे मरने लगे
वजह तुम हो वजह तुम हो
हम जो शेर ओ शायरी करने लगे
वजह तुम हो वजह तुम हो
बिखरे बिखरे से थे हम पहले
अब सवरने लगे
तुम्हारी गलियों से रोजाना
जो हम गुजरने लगे
वजह तुम हो वजह तुम हो
वजह तुम हो वजह तुम हो
ह्म्‍म्म ह्म्‍म्म ह्म्‍म्म हो हो हो हो

ऐसे पहले न थे
जैसे हैं हम आज कल
ऐसे पहले न थे
जैसे हैं हम आज कल
तुम्हारे सिवा किसी और से
हैं मिलते कम आज कल
तुम्हारे सिवा किसी और से
हैं मिलते कम आज कल
ज़रा ज़रा से हम बदलने लगे
वजह तुम हो वजह तुम हो
वजह तुम हो वजह तुम हो
ह्म्‍म्म ह्म्‍म्म ह्म्‍म्म हो हो हो हो

ढूंडू जब मैं तुझे
तू मेरे अंदर ही मिले
ढूंडू जब मैं तुझे
तू मेरे अंदर ही मिले
कहा पे तू हो शुरू
कहा पे मे ख़तम पता ना चले
कहा पे तू हो शुरू
कहा पे मे ख़तम पता ना चले
बेतहाशा हम इश्क़ करने लगे
वजह तुम हो वजह तुम हो
बिखरे बिखरे से थे हम पहले
अब सवरने लगे
तुम्हारी गलियों से रोजाना
जो हम गुजरने लगे
वजह तुम हो वजह तुम हो
वजह तुम हो वजह तुम हो
ह्म्‍म्म ह्म्‍म्म ह्म्‍म्म हे हे हे हो हो हो हो

Written by:
MITHOON, MANOJ MUNTASHIR SHUKLA

Publisher:
Lyrics © Universal Music Publishing Group

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अल्तमश फरीदी and मिथुन

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