Mohammed Rafi, Sachin Gupta and Nitish R Kumar - Waqt Se Din Aur Raat [Lofi]
कल जहां बसती थी खुशियाँ
आज है मातम वहां
वक़्त लाया था बहारे
वक़्त लाया हे फ़िज़ा
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शह ग़ुलाम
वक़्त का हर शह पे राज
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शह ग़ुलाम
वक़्त का हर शह पे राज
वक़्त की गर्दिश से हे
चाँद तारो का मिज़ाज
वक़्त की गर्दिश से हे
चाँद तारो का मिज़ाज
वक़्त की ठोकर में है
क्या हुकूमत का समाज
क्या हुकूमत का समाज
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शह ग़ुलाम
वक़्त का हर शह पे राज
वक़्त की पाबन्द हैं
आति जाति रौनके
वक़्त की पाबन्द हैं
आति जाति रौनके
वक़्त है फूलों की सेज
वक़्त है काँटों का ताज
वक़्त है काँटों का ताज
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शह ग़ुलाम
वक़्त का हर शह पे राज
आदमी को चाहिये
वक़्त से डर कर रहे
कौन जाने किस घड़ी
वक़्त का बदले मिजाज़
वक़्त का बदले मिजाज़
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शह ग़ुलाम
वक़्त का हर शह पे राज
Written by:
Ravi, Sahir Ludhianvi
Publisher:
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