Hariharan - Woh Sarphiri Hawa

वो सरफिरी हवा थी, संभलना पड़ा मुझे
वो सरफिरी हवा थी, संभलना पड़ा मुझे
मैं आखिरी चराग था, जलना पड़ा मुझे
वो सरफिरी हवा थी

महसूस कर रहा था उसे अपने आस पास
महसूस कर रहा था उसे अपने आस पास
अपना ख्याल खुद ही बदलना पड़ा मुझे
अपना ख्याल खुद ही बदलना पड़ा मुझे
मैं आख़िती चराग था, जलना पड़ा मुझे
वो सरफिरी हवा थी

मौजुए गुफ्तगू थी मेरी ख़ामोशी कहीं
मौजुए गुफ्तगू थी मेरी ख़ामोशी कहीं
जो ज़हर पी चूका था, उगलना पड़ा मुझे
जो ज़हर पी चूका था, उगलना पड़ा मुझे
मैं आखिरी चराग था, जलना पड़ा मुझे
वो सरफिरी हवा थी

तक धिन तक धिन धा तक धिन तक धिन धा
तक धिन तक धिन धा तक धिन तक धिन धा
तक धिन तक धिन धा तक धिन तक धिन धा

कुछ दूर तक तो जैसे कोई मेरे साथ था
कुछ दूर तक तो जैसे कोई मेरे साथ था
फिर अपने साथ आप ही चलना पढ़ा मुझे
फिर अपने साथ आप ही चलना पड़ा मुझे
मैं आखिरी चराग था, जलना पड़ा मुझे
वो सरफिरी हवा थी, संभलना पड़ा मुझे
मैं आख़िती चराग था, जलना पड़ा मुझे

Written by:
AMIR GHAZALBASH, HARIHARAN, Hariharan Anantha

Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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