Kundan Lal Saigal - Ye Tasarruf Allah Allah Tere Maikhane Mein Hai

ये तसर्रुफ़ अल्लाह अल्लाह
तेरे मयखाने में है
ये तसर्रुफ़ अल्लाह अल्लाह
तेरे मयखाने में है
अक़्ल की सब पुख्ता करि
तेरे दीवाने में है
अक़्ल की सब पुख्ता करि
तेरे दीवाने में है
मै परस्ती का मज़ा
जब है की साक़ी कह उठे
मै परस्ती का मज़ा
जब है की साक़ी कह उठे
मई में वो मस्ती कहा
जो मेरे मस्ताने में है
मई में वो मस्ती कहा
जो मेरे मस्ताने में है
साक़ी इ रोज़ इ अज़ल की
साक़ी इ रोज़ इ अज़ल की
वो निगाहें मस्त मस्त
आज हम रिंदों के इस
टूटे से पैमाने में है
आज हम रिंदों के इस
टूटे से पैमाने में है
ये तसर्रुफ़ अल्लाह अल्लाह
तेरे मयखाने में है
ताल सबिल ओ क़ौसर ओ तस्नीम
की मौज ओ बहार
या खीराम ए यार में
या अपने पैमाने में है
या खीराम ए यार में
या अपने पैमाने में है
ये तसर्रुफ़ अल्लाह अल्लाह
तेरे मयखाने में है

Written by:
GHALIB, PANKAJ MULLICK

Publisher:
Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Raleigh Music Publishing LLC

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Kundan Lal Saigal

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