हरिहरन, संतोष, प्रतिमा and मिलिंद - Ye Toh Sach Hai Ke Bhagwan
ये तो सच हे के भगवान हे
हे मगर फिर भी अनजान हे
ये तो सच हे के भगवान हे
हे मगर फिर भी अनजान हे
धरती पे रूप माँ बाप का
उस विधाता की पेहचान हे
ये तो सच हे के भगवान हे
जन्मदाता है जो
नाम जिनसे मिला
थामकर जिनकी उंगली
है बचपन चला
हो हो हो
काँधे पर बैठके
जिनके देखा जहा
ग्यान जिनसे मिला
क्या बुरा क्या भला
इतने उपकार हैं क्या कहें
ये बताना ना आसान हे
धरती पे रूप माँ बाप का
उस विधाता की पेहचान हे
ये तो सच हे के भगवान हे
जनम देती है जो
माँ जिसे जग कहे
अपनी संतान में
प्राण जिसके रहे
हो हो हो
लोरियां होठों पर
सपने बुनती नजर
नींद जो वार दे
हस्के हर दुःख सहे
ममता के रूप में है प्रभु
आपसे पाया वरदान हे
धरती पे रूप माँ बाप का
उस विधाता की पेहचान हे
ये तो सच हे के भगवान हे
आपके ख्वाब हम
आज होकर जवा
उस परम शक्ति से करते हे प्रार्थना
हो हो हो हो हो हो
ईनकी छाया रहे रेहती दुनिया तलक
एक पल रेह सके हम न जिनके बिना
आप दोनों सलामत रहे
सबके दिल में ये अरमान हे
धरती पे रूप माँ बाप का
उस विधाता की पेहचान हे
ये तो सच हे के भगवान हे
हे मगर फिर भी अनजान हे
धरती पे रूप माँ बाप का
उस विधाता की पेहचान हे
Written by:
MITALEE SHASHANK, RAAM LAXMAN, RAVINDRA RAWAL KI
Publisher:
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