Jagjit Singh - Yeh Bhi Kya Ehsaan Kam Hai
ये भी क्या एहसान कम हैं देखिये ना आप का
ये भी क्या एहसान कम हैं देखिये ना आप का
हो रहा है हर तरफ़ चर्चा हमारा आप का
ये भी क्या एहसान कम हैं देखिये ना आप का
चाँद में तो दाग़ है पर आप में वो भी नहीं
चाँद में तो दाग़ है पर आप में वो भी नहीं
चौदहवीं के चाँद से बढ़के है चेहरा आप का
ये भी क्या एहसान कम हैं देखिये ना आप का
इश्क़ में ऐसे भी हम डूबे हुए हैं आप के
इश्क़ में ऐसे भी हम डूबे हुए हैं आप के
अपने चेहरे पे सदा होता हैं धोका आप का
ये भी क्या एहसान कम हैं देखिये ना आप का
चाँद सूरज धूप सुबह कह्कशाँ तारे शमा
चाँद सूरज धूप सुबह कह्कशाँ तारे शमा
हर उजाले ने चुराया है उजाला आप का
ये भी क्या एहसान कम हैं देखिये ना आप का
हो रहा है हर तरफ़ चर्चा हमारा आप का
ये भी क्या एहसान कम हैं देखिये ना आप का
Written by:
JAGJIT SINGH, WAJIDA TABASSUM
Publisher:
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