Lata Mangeshkar - Ye Dil Ki Lagi Kam Kya Hogi

आ आ

ये दिल की लगी कम क्या होगी
ये इश्क़ भला कम क्या होगा
जब रात है ऐसी मतवाली
जब रात है ऐसी मतवाली
फिर सुबह का आलम क्या होगा
फिर सुबह का आलम क्या होगा

आ आ आ आ

नग़मो से बरसती है मस्ती
छलके हैं खुशी के पैमाने

छलके हैं खुशी के पैमाने

आज ऐसी बहारें आई हैं
कल जिनके बनेंगे अफ़साने

कल जिनके बनेंगे अफ़साने

अब इसे ज्यादा और हसीं ये प्यार का मौसम क्या होगा
अब इसे ज्यादा और हसीं ये प्यार का मौसम क्या होगा

जब रात है ऐसी मतवाली
फिर सुबह का आलम क्या होगा
फिर सुबह का आलम क्या होगा

आ आ आ आ

ये आज का रंग और ये महफ़िल
दिल भी है यहाँ दिलदार भी है

दिल भी है यहाँ दिलदार भी है

आँखों में कयामत के जलवे
सीने में तडपता प्यार भी है

सीने में तडपता प्यार भी है

इस रंग में कोई जी ले अगर मरने का उसे ग़म क्या होगा
इस रंग में कोई जी ले अगर मरने का उसे ग़म क्या होगा

जब रात है ऐसी मतवाली
फिर सुबह का आलम क्या होगा
फिर सुबह का आलम क्या होगा

आ आ आ आ

हालत है अजब दीवानों की
अब खैर नहीं परवानों की

अब खैर नहीं परवानों की

अन्जाम-ए-मोहब्बत क्या कहिये
लय बढ़ने लगी अरमानों की

लय बढ़ने लगी अरमानों की

ऐसे में जो पायल टूट गयी फिर ऐ मेरे हमदम क्या होगा
ऐसे में जो पायल टूट गयी फिर ऐ मेरे हमदम क्या होगा

जब रात है ऐसी मतवाली
फिर सुबह का आलम क्या होगा
फिर सुबह का आलम क्या होगा

Written by:
NAUSHAD, SHAKEEL BADAYUNI

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Lata Mangeshkar

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