Ghulam Ali - Ye Dil Ye Pagal Dil Mera

यह दिल यह पागल दिल मेरा
यह दिल यह पागल दिल मेरा
क्यों बुझ गया आवारगी
यह दिल यह पागल दिल मेरा
क्यों बुझ गया आवारगी
इस दश्त में इक शहर था
इस दश्त में इक शहर था
वह क्या हुआ आवारगी
यह दिल यह पागल दिल मेरा
क्यों बुझ गया आवारगी
यह दिल यह पागल दिल मेरा

यह दर्द की तन्हाईया
यह दश्त का वीरान सफ़र
यह दर्द की तन्हाईया
यह दश्त का वीरान सफ़र
हम लोग तोह अंत आ गए
हम लोग तोह अंत आ गए
आपने सुना आवारगी
इस दश्त में इक शहर था
इस दश्त में इक शहर था
वह क्या हुआ आवारगी
यह दिल यह पागल दिल मेरा

कल शब मुझे बेशक्ल की
आवाज ने चौंका दिया
कल शब मुझे बेशक्ल
की आवाज ने चौंका दिया
मैंने कहा तू कौन है
मैंने कहा तू कौन है
उसने कहा आवारगी
इस दश्त में इक शहर था
इस दश्त में इक शहर था
वह क्या हुआ आवारगी
यह दिल यह पागल दिल मेरा

इक अजनबी झोंके ने जब
पूछा मेरे ग़म का सबब
इक अजनबी झोंके ने जब
पूछा मेरे ग़म का सबब
सहरा की भीगी रेत
सहरा की भीगी रेत पर
मैंने लिखा आवारगी
इस दश्त में इक शहर था
इस दश्त में इक शहर था
वह क्या हुआ आवारगी
यह दिल यह पागल दिल मेरा

कल रात तनहा चाँद को
देखा था मैंने ख्वाब में
कल रात तनहा चाँद को
देखा था मैंने ख्वाब में
मोहसं मुझे रास आएगी
मोहसं मुझे रास आएगी
शायद सदा आवारगी
इस दश्त में इक शहर था
इस दश्त में इक शहर था
वह क्या हुआ आवारगी
यह दिल यह पागल दिल मेरा
क्यों बुझ गया आवारगी
यह दिल यह पागल दिल मेरा
क्यों बुझ गया आवारगी
यह दिल

Written by:
ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMAN

Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC, Royalty Network, Shemaroo Entertainment Limited

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