Tejinder Singh Bedi and Ash Syed - Yeh Sham Mastani
ला ला लॉ हे हे हूँ हूँ
ये शाम मस्तानी
मदहोश किये जाए
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए
ये शाम मस्तानी
मदहोश किये जाए
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए
दूर रहती है तू
मेरे पास आती नहीं
होठों पे तेरे
कभी प्यास आती नहीं
ऐसा लगे जैसे के तू
हँस के ज़हर कोई पिए जाए
शाम मस्तानी
मदहोश किये जाए
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए
बात जब मैं करू
मुझे रोक देती है क्यों
तेरी मीठी नज़र
मुझे टोक देती है क्यों
तेरी हया, तेरी शर्म
तेरी कसम मेरे होंठ सिये जाए
शाम मस्तानी
मदहोश किये जाए
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए
एक रूठी हुई
तकदीर जैसे कोई खामोश ऐसे है तू
तस्वीर जैसे कोई
तेरी नज़र बनके ज़ुबां
लेकिन तेरे पैगाम दिए जाए
शाम मस्तानी
मदहोश किये जाए
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए
ये शाम मस्तानी
मदहोश किये जाए
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए
Written by:
ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMAN
Publisher:
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