Lata Mangeshkar and Shabbir Kumar - Zeehale Muskin
ओ जि हा ल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जि श
बहा ल-ए-हि जरा बेचा रा दि ल है
हो हो
जि हा ल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जि श
बहा ल-ए-हि जरा बेचा रा दि ल है
सुना ई देती है जि सकी धड़कन
तुम्हा रा दिल या हमा रा दिल है
सुना ई देती है जि सकी धड़कन
तुम्हा रा दिल या हमा रा दिल है
वो आके पहलू में ऐसे बैठे
वो आके पहलू में ऐसे बैठे
के शा म रंगीरं गीन हो गई है
के शा म रंगीरं गीन हो गई है
के शा म रंगीरं गीन हो गई है
जरा जरा सी खि ली तबी यत
जरा सी गमगी न हो गई है
जरा जरा सी खि ली तबी यत
जरा सी गमगी न हो गई है
जि हा ल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जि श
बहा ल-ए-हि जरा बेचा रा दि ल है
सुना ई देती है जि सकी धड़कन
तुम्हा रा दिल या हमा रा दिल है
अजीब है दिल के दर्द
अजीब है दिल के दर्द या रों
ना हो तो मुश्किल है जी ना इसका
ना हो तो मुश्कि ल है जी ना इसका
जो हो तो हर दर्द एक ही रा
हर एक गम है नगी ना इसका
जो हो तो हर दर्द एक ही रा
हर एक गम है नगी ना इसका
जि हा ल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जि श
बहा ल-ए-हि जरा बेचा रा दिल है
सुना ई देती है जि सकी धड़कन
तुम्हा रा दिल या हमा रा दिल है
कभी कभी शा म ऐसे ढलती है
जैसे घूँघट उतर रहा है
उतर रहा है
कभी कभी शा म ऐसे ढलती है
जैसे घूँघट उतर रहा है
तुम्हा रे सी ने से उठता धुआँ
हमा रे दि ल से गुजर रहा है
तुम्हा रे सी ने से उठता धुआँ
हमा रे दि ल से गुजर रहा है
जि हा ल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जि श
बहा ल-ए-हि जरा बेचा रा दि ल है
सुना ई देती है जि सकी धड़कन
तुम्हा रा दि ल या हमा रा दि ल है
ये शर्म है या हया है
क्या है?
नजर उठा ते ही झुक गयी है
नजर उठा ते ही झुक गयी है
तुम्हा री पलकों से गि रके शबनम
हमा री आँखों में रुक गयी है
तुम्हा री पलकों से गि रके शबनम
हमा री आँखों में रुक गयी है
जि हा ल-ए-मस्कीं मकुन-ब-रन्जि श
बहा ल-ए-हि जरा बेचा रा दि ल है
सुना ई देती है जि सकी धड़कन
तुम्हा रा दि ल या हमा रा दि ल है
सुना ई देती है जि सकी धड़कन
तुम्हा रा दि ल या , हमा रा दि ल है
हो ह
Written by:
GULZAR, LAXMIKANT PYARELAL
Publisher:
Lyrics © Universal Music Publishing Group
Lyrics powered by Lyric Find