Pankaj Udhas - Zindagi Se Ulajh Ke
ज़िंदगी से उलझ के सारा दिन
मैकशो ये भी काम करलेणा
ज़िंदगी से उलझ के सारा दिन
मैकशो ये भी काम करलेणा
याने अपने लिए भी तोड़ा सा
साम का इंतज़ाम करलेणा
ज़िंदगी से उलझ के सारा दिन
मैकशो ये भी काम करलेणा
बस यही तो हैं एक दरवाज़ा
बाँध होते जिसे नही देखा
बस यही तो हैं एक दरवाज़ा
बाँध होते जिसे नही देखा
हुए जाना में जब जगा ना मिले
मैकड़े में क़ायम करलेणा
हुए जाना में जब जगा ना मिले
मैकड़े में क़ायम करलेणा
याने अपने लिए भी तोड़ा सा
साम का इंतज़ाम करलेणा
ज़िंदगी से उलझ के सारा दिन
मैकशो ये भी काम करलेणा
आए हवा और क्या संदेश डून
जब गुज़ार ना शराब खाने से
आए हवा और क्या संदेश डून
जब गुज़ार ना शराब खाने से
मेरी जानिब से इक पल रुककर
मैक्षो को सलाम करलेणा
मेरी जानिब से इक पल रुककर
मैक्षो को सलाम करलेणा
याने अपने लिए भी तोड़ा सा
साम का इंतज़ाम करलेणा
ज़िंदगी से उलझ के सारा दिन
मैकशो ये भी काम करलेणा
सच तो हैं की इश्क़ की यारों
कोई तहज़ीब ही नही होती
सच तो हैं की इश्क़ की यारों
कोई तहज़ीब ही नही होती
इसी बस्ती में काट लेना दिन
किसी खुनचे में साम करलेणा
इसी बस्ती में काट लेना दिन
किसी खुनचे में साम करलेणा
याने अपने लिए भी तोड़ा सा
साम का इंतज़ाम करलेणा
ज़िंदगी से उलझ के सारा दिन
मैकशो ये भी काम करलेणा
मैकशो ये भी काम करलेणा
मैकशो ये भी काम करलेणा
Written by:
Pankaj Udhas, Zafar Gorakhpuri
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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