Kishore Kumar - Zindagi Ke Safar Mein
ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम
वो फिर नहीं आते वो फिर नहीं आते
ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम
वो फिर नहीं आते वो फिर नहीं आते
फूल खिलते हैं लोग मिलते हैं
फूल खिलते हैं लोग मिलते हैं मगर
पतझड़ में जो फूल मुरझा जाते हैं
वो बहारों के आने से खिलते नहीं
कुछ लोग एक रोज़ जो बिछड़ जाते हैं
वो हजारों के आने से मिलते नहीं
उम्र भर चाहे कोई पुकारा करे उनका नाम
वो फिर नहीं आते वो फिर नहीं आते
आँख धोखा है क्या भरोसा है
आँख धोखा है क्या भरोसा है सुनो
दोस्तों शक दोस्ती का दुश्मन है
अपने दिल में इसे घर बनाने न दो
कल तड़पना पड़े याद में जिनकी
रोक लो रूठ कर उनको जाने न दो
बाद में प्यार के चाहे भेजो हजारों सलाम
वो फिर नहीं आते वो फिर नहीं आते
सुबहो आती है रात जाती है
सुबहो आती है रात जाती है यूँ ही
वक़्त चलता ही रहता है रुकता नहीं
एक पल में ये आगे निकल जाता है
आदमी ठीक से देख पाता नहीं
और परदे पे मंज़र बदल जाता है
एक बार चले जाते हैं जो दिन रात सुबहो शाम
वो वो फिर नहीं आते वो फिर नहीं आते
ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम
वो फिर नहीं आते वो फिर नहीं आते
Written by:
ANANDSHI BAKSHI, R D Burman
Publisher:
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